मीडिया पुलिस हॉस्पिटल हथकडी फिर भी अतीक अहमद और उसके भाई पर अंधाधुंध बरसाई गई गोलियां , मौके पर ही मौत
पत्रकार बनकर वारदात को अंजाम देने पहुंचे तीनों हमलावरों की पहचान
चंडीगढ़ 16 अप्रेल ( हरप्रीत सिंह जस्सोवाल )
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की आज रात गोलियां चला कर हत्या कर दी गई। ये वारदात मेडिकल कॉलेज में चेकअप के लिए ले जाते समय हुई है। दोनों 17 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर थे। हमले के वक्त दोनों के हाथ हथकड़ी से बंधे हुए थे और वे मीडिया से बात कर रहे थे। पुलिस ने तीन संदिग्धों को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उनके हाथ में माइक और कैमरा भी था। जैसे ही अतीक ने अपनी बात शुरू की, तभी हमलावर ने दोनों के सिर में गोलियां दाग दीं। यह देखते ही सभी सन्न रह गए। भागते समय हमलावर अपने हथियार भी फेंककर गए। यह पूरी वारदात सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में की गई है।
फिलहाल पकड़े गए हमलावरों को पुलिस किसी अज्ञात स्थान पर ले गई है। उनसे पूछताछ की जा रही है कि आखिर दोनों माफिया भाइयों के हत्याकांड के पीछे कौन है? उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद को साबरमती जेल और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से प्रयागराज लाया गया था ।
पत्रकार बनकर वारदात को अंजाम देने पहुंचे तीनों हमलावरों की पहचान वारदात को अंजाम कैसे दे दिया, उत्तर प्रदेश पुलिस भी हैरान , पुलिस का दावा कि तीनों हमलावरों की पहचान हो गई है ।
प्रयागराज में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर आज रात ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या किए जाने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. पुलिस कस्टडी के बीच मीडिया कर्मी बनकर जिस तरह से हमलावरों ने दुस्साहस दिखाया उसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी, लेकिन घटना के बाद पुलिस सवालों के घेरे में जरूर आ गई है. बताया गया है कि तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर वहां पहुंचे थे. पुलिस ने हमलावरों की गिरफ्तारी से लेकर उनकी पहचान किए जाने का दावा किया है. अतीक अहमद और अशरफ पर गोलियां चलाने वाले जिन तीनों हमलावरों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है उन तीनों की पहचान कर ली गई है . उनके पास हथियार थे और जैसे ही अतीक और अशरफ ने मीडिया के सवालों का जवाब देना शुरू किया ही था , तभी उन पर गोलियां बरसा दी गईं. इन आरोपियों के नाम सनी, अरुण और लवलेश बताए गए हैं ।
अतीक अहमद के अन्तिम शब्द…..नहीं ले गए तो नहीं गए (वे हमें नहीं ले गए, इसलिए हम नहीं गए) अतीक अहमद के आखिरी शब्द थे। उससे बेटे असद के अंतिम संस्कार को लेकर पत्रकारों द्वारा सवाल पूछा गया था ।पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर तीन पिस्तौल, एक मोटर साइकिल, एक वीडियो कैमरा और एक न्यूज चैनल का लोगो पड़ा मिला है
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